‼️"अंबेडकर" नाम की सच्चाई‼️ -डॉ अंबेडकर का असल नाम "भीमराव सकपाल" था! उनके पिताजी का नाम रामजी मालोजी सकपाल था! -पुराने समय में कोंकण इलाके में गांव के नाम के आगे "कर" लगा, उसे उपनाम (surname) की तरह इस्तेमाल करने का चलन था! -रामोजी सकपाल आर्मी से रिटायर होने के बाद सातारा के पास अंबाडावे गांव में आ बसे! स्कूल में एडमिशन के वक्त उन्होंने भीमराव अंबाडावेकर लिखवाया! -उसी स्कूल में कृष्णा केशव अंबेडकर नाम के शिक्षक थे, जो देवरुखे ब्राह्मण परिवार से थे! इनके परिवार को "अंबेड" नाम का गांव पेशवा की तरफ से मिला था, इसलिए उनका परिवार अपने नाम में "अंबेडकर" लगाता था! -कृष्णा केशव अंबेडकर को भीमराव से काफ़ी स्नेह था! चूंकि भीमराव का उपनाम "अंबाडावेकर" बोलने में कठिन और अजीब था, इसलिए कृष्णा गुरुजी ने स्कूल रिकॉर्ड में भीमराव का उपनाम बदल कर, अपने उपनाम जैसा "अंबेडकर" कर दिया! -आज डॉ अंबेडकर के वंशज और लाखों अनुयायी, उनके इसी उपनाम को अपने नाम के आगे लगाते हैं, हालांकि डॉ अंबेडकर की बहनों का परिवार आज भी सकपाल उपनाम इस्तेमाल करता है! -ये बातें खुद डॉ अंबेडकर ने अपनी जीवनी में, उनके पोते प्रकाश अंबेडकर ने अपने इंटरव्यू में, और कृष्णा अंबेडकर गुरुजी के परिवार वालों ने कन्फर्म की हैं!
आज कृष्णा गुरुजी का परिवार (तीसरी पीढ़ी) के लोग पुणे, सातारा और मुंबई में हैं! ज़्यादातर लोग मुंबई में हैं! -राजीव अंबेडकर IDBI बैंक से रिटायर हुए, संजय और विनायक अंबेडकर मुंबई में "अंबेडकर एसोसिएट्स" के नाम से लॉ फर्म चलाते हैं! -ये लोग गरीब, आदिवासी बच्चों की मदद करते रहते हैं! मुंबई पेटिशन कोर्ट में डॉ अंबेडकर की 12 फ़ीट की पेंटिंग भी विनायक अंबेडकर ने लगवाई है! -कृष्णा गुरुजी अंबेडकर के परिवार के कई सदस्य अभी भी वहीं हैं जहां वो पहले रहते थे! -डॉ अंबेडकर जब लेबर मिनिस्टर बने, तो वो गुरुजी से मिलने उनके गांव गए थे! तो जिनको अंबेडकर नाम के ब्राह्मणों से मिलने की इच्छा है, वो जाकर इस परिवार से मिल सकता है!
क्या आप इस सन्दर्भ में दस्तावेज दे सकते है। हमारे लोग सतारा के उस स्कूल में गए, आज भी उस समय के रजिस्टर वँहा सुरक्षित रखे गए है। एक भी अम्बेडकर सरनेम वाला टीचर वँहा नही है। आप आरटीआई से इसकी जानकारी ले सकते है बल्कि बाबा साहब ने उस स्कूल से टीसी नही ली थी, बाबा साहब के परपोते राजरत्न अम्बेडकर ने स्वयं वँहा जाकर टीसी प्राप्त की क्योंकि किसी रिश्तेदार को ही यह मिल सकती थी। आप जाए या आरटीआई लिखे। पूरे रजिस्टर में आपको सभी उस समय के अध्यापक के नाम मिलेंगे लेकिन कोई अम्बेडकर सरनेम वाला नही मिलेगा। यह फर्जी कहानिया आपके लोगो ने ही बना रखी है।
@neha2180 तो ब्राहमण अपना सरनेम अंबेडकर क्यों नही लगाता ?? बाबा साहेब के गांव के नाम से ही अंबेडकर पड़ा है।