मैंने पिछले कुछ दिनों में संविधान की बात करने वाले दो लोगों से बहुत अच्छी सीख ली। ध्रुव राठी ने बाबा साहेब आंबेडकर जी की जयंती पर पोस्ट नहीं की थी, अगले दिन मैंने ध्रुव राठी को टैग करके पोस्ट किया और शिकायत की तो ध्रुव राठी ने मुझे ब्लॉक न करते हुए बल्कि मेरी बात मानी और मेरी पोस्ट के 2 घंटे बाद उन्होंने बाबा साहेब के लिए पोस्ट की। चंद्रशेखर आज़ाद के लिए मैंने बहुत पोस्ट किए मगर जब उनका एक आपत्तिजनक टिप्पणी का वीडियो था उसमें मैंने उनकी आलोचना करते हुए सलाह दी तो उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया। बस यही फर्क इंसान को एक लीडर बनाता है। ध्रुव राठी चाहते तो मुझे ब्लॉक कर देते मगर उन्होंने सोचा कि मैंने कुछ तो सही कहा तो उन्होंने मेरी बात मानी या यूं कहें उन्हें अपनी आलोचना सहना आता है और उनमें कोई भी अहंकार नहीं है मगर चंद्रशेखर आज़ाद में कूट कूट कर अहंकार भरा पड़ा है, उन्हें लगा होगा कि ये लड़का जो कल तक मेरा गुणगान करता था इसकी हिम्मत कैसे हुई मुझे सलाह देने की। सच्चा और बढ़िया लीडर वही बनता है जिसमें अपनी कमियों को आत्मसात करने का हुनर हो।
@JaikyYadav16 इंसान से हुई भूल कोई गुना नहीं होती , बल्कि गुना तो ये है कि गलती को स्वीकार न करना ।👆👆👆