@farazshere ऐ खुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे तुझको देखा नहीं महसूस किया है मैंने आ किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है लेकिन मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे शाहिद मीर
@farazshere ऐ खुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे तुझको देखा नहीं महसूस किया है मैंने आ किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है लेकिन मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे शाहिद मीर