सोशल मीडिया पर एक आदमी के 30 लाख सब्सक्राइबर थे, पर मरा तो दस लोग नहीं आए. वैसे ही ध्रुव राठी केजरीवाल के समर्थन में वीडियो बनाता है तो तीन करोड़ लोग देखते हैं, पर केजरीवाल के लिए धरना देने सौ आदमी जमा नहीं होते. बहुत अजीब दुनिया है. अपने दोस्त सावधानी से चुनिए. सोशल मीडिया के दोस्त असली दोस्त नहीं है.
@Profdilipmandal सही कहा, और न ही सोशल मीडिया पर ज्ञान देने वाले दलाल असली होते हैं।
@Profdilipmandal तो आप क्या समझ रहे हो, आपके जनाजे में भी 581K में से एक भी कंधा देने वाला नही होगा वैसे बौद्ध का जनाजा निकलता है या अर्थी पूछता है भारत?
@Profdilipmandal ये बात तो है। संघ जैसे लोगो से नजदीकी रही तो चाहे चिन्मयानंद हो या बृज भूषण साथ दे सकता है। हालांकि जाति मायने रखती है, फिर भी कुछ साथ दे दे।
@Profdilipmandal बिल्कुल सही कहा , अटल जी देश के प्रधानमंत्री थे , सालों तक बिस्तर पर पडे पडे मौत का इंतजार करते रहे मोदी जी का भी यही हाल होना है , सबका यही हाल होना है आपको क्या लगता है, आपके मरने पर कितने लोग जमा होंगे ?
@Profdilipmandal मोदी जी मणिपुर गए नहीं मणिपुर पर कुछ बोलते नहीं फिर भी आपका बीपी ठीक ठाक है मंडल जी???
@Profdilipmandal मंडल जी दूसरों से जलते है. ये नहीं चाहते कि दूसरे आगे बढे वैसे @RoflGandhi_ के साथ एक बार फिर डिबेट हो जाए तो इनकी फैन फ्लोइंग आधी हो जाएगी।
@Profdilipmandal सब अवसर ढूँढ रहे हैं ।
@Profdilipmandal ये आपका observation सोशल मीडिया के लिए बिल्कुल सही है लेकिन ये केवल केजरीवाल या ध्रुव राठी के लिए ही नहीं सभी मीडिया influencers के लिए लागु हो गया है। Choose it only as entertainment platform
@Profdilipmandal तू कितना गिर चुका है मण्डल!! बेइन्तहा गिर चुका तू