ज़मींदारी का इतिहास बहुत गंदा है। किसी ज़मींदार को यदि उसे मिली ज़मीनों की सच्चाई पता चल जाए तो वो शर्म से मर जाएगा। बहुत क्रूर इतिहास है। बहन-बेटियाँ, समाज, अंग्रेज, मुग़ल सब बीच में आ जाएंगे। पता नहीं ज़मीन के बदले क्या-क्या दिया गया था। #Boycott_Casteist_Kangana
@PriyanshuVoice यदि जमींदारों ने जमीन के बदले क्या क्या दिया तो अन्य लोगों को फिर ये कहने का हक नहीं की ये जमींदार है हमें इनकी बराबरी के लिए आरक्षण चाहिए क्युकी जमींदार जमीन की कीमत पहले ही दे चूका है और जो स्वाभिमानी है उन्होंने ना जमीन ली ना क़ीमत दी तो फिर आरक्षण का आर्थिक आधार खत्म हो
@PriyanshuVoice बबुआ लालटेन, ज़मींदार-ज़मींदार बोलकर किसी को डरा दोगे और पिछे से आकर अपराधी राज कायम करोगे, वो ज़माना कब का टाटा बाई-बाई कर गया, रेलवे में नौकरी देकर जमीन हड़पना, ये कैसा ज़मींदारी है ?
@PriyanshuVoice इस इतिहास का जिम्मेदार कौन है? किसने जमींदारी प्रथा शुरू की थीं? अंग्रेजो ने,
@PriyanshuVoice ई सार चुतिया ह.. ई सरवा जामिया वाला सन के साथ रहेला आउर उटपटांग सिखात रहेला सरवा ई..
@PriyanshuVoice वैसे तुम्हारे घरवालों ने क्या बताया है कि जमीन के बदले क्या दिया है? तुम्हारे मन की खीज बताती है कि तुम्हारे पूर्वजों ने सिर्फ दिया है बेचारे ले नहीं पाए हैं इसलिए ट्विटर पर वीर बन के घूमते हो 😂😂
@PriyanshuVoice बेशक, ज़मींदारी का इतिहास बहुत गंदा है। किसी ज़मींदार को यदि उसे मिली ज़मीनों की सच्चाई पता चल जाए तो वो शर्म से मर जाएगा।
@PriyanshuVoice सलबार तेरी अम्मी ने खोला था जा के पूछ.. कुछ भी बके जा रहा है..
@PriyanshuVoice यही है इसका दम शरीर के अंगो की नुमाइश