जिन्ह कें रही भावना जैसी। प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी।। देखहिं रूप महा रनधीरा। मनहुँ बीर रसु धरें सरीरा।। डरे कुटिल नृप प्रभुहि निहारी। मनहुँ भयानक मूरति भारी।। रहे असुर छल छोनिप बेषा। तिन्ह प्रभु प्रगट कालसम देखा।। पुरबासिन्ह देखे दोउ भाई। नरभूषन लोचन सुखदाई।
जिन्ह कें रही भावना जैसी। प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी।। देखहिं रूप महा रनधीरा। मनहुँ बीर रसु धरें सरीरा।। डरे कुटिल नृप प्रभुहि निहारी। मनहुँ भयानक मूरति भारी।। रहे असुर छल छोनिप बेषा। तिन्ह प्रभु प्रगट कालसम देखा।। पुरबासिन्ह देखे दोउ भाई। नरभूषन लोचन सुखदाई।
@jawharsircar को संसद भवन सिनेमा हाल या मॉल की तरह लग रहा, @RJDforIndia को ताबूत। परन्तु जनमानस के लिए, नवनिर्मित संसद #MyParliamentMyPride है एवं लोकतंत्र का मंदिर तथा श्री @narendramodi लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करते हुए भारत को समृद्धि पथ पर ले जानेवाले महानायक ।